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लेखनी प्रतियोगिता -28-Feb-2023


दो बार मोहब्बत हुई हमें
एक चाय एक तुम
सुबह शाम हम क्या चाहें
एक चाय मिले एक तुम।

सुबह सुबह जब आंख खुले
गरम महकती चाय मिले
और पूजा घर मे घण्टी संग
चूड़ी खनकाती तुम।

दफ्तर जाकर काम उठाकर
बीच काम में चाय मंगाकर
लगे रहे दोपहरी आई
टिफिन देख याद आई तुम।

शाम को दफ्तर से निकले
टपरी पर कुछ यार मिले
पी चाय तब फोन मिला
सामान बताती तुम।

कुछ सब्जी और कुछ फल लेकर
हम आ पहुंचे दरवाजे पर
तब चाय चढ़ाकर पानी ले
स्वागत करती तुम।

सब कुछ आनी जानी है
तुमसे तो प्रीत निभानी है
आंखों में प्यार हाथों में चाय
ये जीवन और बस तुम।




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8 Comments

Alka jain

01-Mar-2023 06:32 PM

Nice 👍🏼

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Renu

01-Mar-2023 05:30 PM

👍👍🌺

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Renu

01-Mar-2023 05:29 PM

👍👍🌺

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